उत्तराखंड राज्य में सरकारी बेसिक जूनियर स्कूल बंद होने के कगार पर
उत्तराखंड राज्य को बने लगभग 20 साल हो गए परंतु सरकारी बेसिक जूनियर स्कूल बंद होने के कगार पर है इसका मुख्य कारण यह है की स्कूलों में व्यापक प्रबंध नहीं है शिक्षकों का अभाव जिसमें कि कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें की बैठने के लिए बच्चों को टेबल कुर्सी का पर्याप्त इंतजाम नहीं है कुछ आंकड़ों के हिसाब से लगभग 15 सौ स्कूल ऐसे हैं जिसमें की पर्याप्त फर्नीचर नहीं है वह स्कूलों की हालत खराब है कि वह बंद होने के कगार पर है और पूरे प्रदेश में लगभग ढाई लाख बच्चे बिनाा मेज कुर्सी के रहते हैं और पढ़ाई का स्तर इतना नीचे है की नवी कक्षा के छात्रों को अपने शहर का नाम था इंग्लिश में लिखना नहीं आया जहां तक छात्र छात्राओं के एडमिशन की बात करें तो सरकारी स्कूलों में एडमिशन का स्तर गिरता चला जा रहा है और अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा नहीं चाहते किससे की प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन बड़े हैं जिससे कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है वह अपने स्तर से स्कूलों में एडमिशन के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं वैसे तो राज्य में बेसिक जूनियर स्कूलों की संख्या लगभग 25000 है परंतु इनमें कुछ ऐसे स्कूल हैं जहां पर शिक्षक भी नहीं है और वह स्कूल शिक्षक मित्रों के द्वारा चला जा रहा है और कुछ शिक्षकों की ड्यूटी विभिन्न दिवस पर और कई प्रकार की गणनाए पर लगा दी जातीी है शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र की जाए ताकि शिक्षकों का अभाव कम हो सके